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प्रेशर हॉर्न व दूषित हवा से शहर के लोगों में बढ़ा बीमारियों का खतरा

बेतिया शहर में पॉलीथिन में भरा कूड़ा फेंकने और तेज ध्वनि प्रदूषण के कारण लोग गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं। अस्थमा, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और बहरेपन जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। नगर निगम के प्रयासों...

Newswrap हिन्दुस्तान, बगहाFri, 27 June 2025 12:02 AM
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प्रेशर हॉर्न व दूषित हवा से शहर के लोगों में बढ़ा बीमारियों का खतरा

बेतिया शहर में गलियों व कुछ मुख्य सड़कों पर पॉलीथिन में भरकर कूड़े कचरे को जगह-जगह फेंके जाने से आसपास की हवा प्रदूषित हो रही है। इससे शहरवासी अस्थमा, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, एलर्जिक राइनाइटिस जैसी खतरनाक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर दोपहिया या चार पहिया वाहनों में लगे ‘प्रेशर हॉर्न के कारण होने वाली ध्वनि प्रदूषण से लोग बहरेपन और रिंगिंग सेंसेशन जैसी गंभीर बीमारियों के चपेट में आ रहे हैं। इस बारे में बातचीत करते हुए रोहन अनुराग, मुकेश कुमार, अखिलेश यादव, मोहन कुमार,धीरज कुमार, आजाद हुसैन, इरशामद आलम, मिथलेश कनौजिया आदि ने इस गंभीर समस्या पर बताया कि प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए नगर निगम के द्वारा प्रयास किया जाता है लेकिन कुछ लोगों के अंदर नागरिक दायित्व की कमी होने के कारण अभी भी कूड़ा- कचरा सरेआम सड़कों पर फेंका जा रहा है।

सड़कों के किनारे जगह जगह पर यह कूड़ा कई दिनों तक सड़ गल कर दुर्गंध फैलाना शुरू कर देता है। इससे वातावरण पूरी तरह से प्रदूषित हो जाता है। इसके कारण छोटे-छोटे स्कूली बच्चे, महिलाएं व बुजुर्ग प्रदूषित हवा से कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। जीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ डीके मिश्रा ने बताया कि तेज ध्वनि और दूषित हवा के कारण बीमार होने वाले रोगी बड़ी संख्या में जीएमसीएच में इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। यह एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। कम उम्र के बच्चों में भी श्रवण शक्ति की कमी देखी जा रही है। चर्म रोग वाले रोगियों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। संतोष रजक ने बताया कि जब आसपास की हवा कूड़े कचरे के कारण दूषित हो जाती है तो सांस के जरिए कई बार कीटाणु व विषाणु शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं। इससे घुटन और परेशानी महसूस होती है। पर्यावरणविद् दुर्गा दत्त पाठक ने बताया कि पर्यावरण की सुरक्षा हम जितनी गंभीरता से करेंगे, रोग हमसे उतना ही दूर रहेगा। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज भी बेतिया शहर की कई सड़कों के किनारे आवासीय क्षेत्र के आसपास लोग कूड़े कचरे को पॉलिथीन के अंदर डालकर फेंक देते हैं जो सड़ गलकर आसपास के वातावरण को पूरी तरह से दूषित कर देता है। इसको रोकना अत्यंत जरुरी है। इधर प्रेमनंदन किशोर ने बातचीत के दौरान यह बताया कि अभी भी कई ऐसे दुपहिया वाहन है जो प्रदूषण नियंत्रण की नियमावली का पालन नहीं कर रहे। इस वजह से सड़कों पर सरेआम धुआं फैलता रहता है। ऐसी जगह पर रहने वाले लोग अस्थमा जैसी गंभीर बीमारी के शिकार हो रहे हैं। बातचीत के दौरान आदित्य दीक्षित ने बताया कि अभी भी कई दुपहिया वाहन अथवा चार पहिया वाहन में ‘प्रेशर हार्न लगाकर लोग शहर में घूमते रहते हैं जिसके कारण तेज ध्वनि से आसपास के राहगीरों को परेशानी होती है। इससे बेतियावासी धीरे-धीरे बहरेपन के शिकार हो रहे हैं। मुकेश कुमार ने बताया कि नगर निगम अथवा जिला प्रशासन के द्वारा यह नियमावली बना देनी चाहिए कि शहर के अंदर चलने वाले वाहन प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल नहीं करें। पुलिस इस पर सख्ती से रोक लगाये। सड़क किनारे कूड़ा फेंकने वालों पर हो कार्रवाई: अखिलेश यादव, मुकेश कुमार आदि ने कहा कि सड़क किनारे कूड़ा फेंकने वालों की शिनाख्त कर उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिये। इससे वातावरण दूषित होने से बचाया जा सकता है। बरसात के दिनों में ज्यादा परेशानी होती है। कचरे का उठाव समय पर नहीं होने से यह सड़ने लगता है हवा में बदबू फैलने लगती है। इससे आसपास रहनेवालों की परेशानी काफी बढ़ जाती है। संक्रमण का खतरा बना रहता है। शहर के निजी और सरकारी अस्पतालों में अस्थमा और बहरेपन जैसे बीमारियों के रोगियों की संख्या काफी बढ़ रही है। बच्चों और बुजूर्गों के लिए ऐसी स्थिति सबसे अधिक खतरनाक साबित हो रही है। छोटे-छोटे बच्चे जब पैदल स्कूल की तरफ जाते हैं तो उन्हें दूषित हवा वाले वातावरण के बीच से गुजरना पड़ता है। इसके कारण कम उम्र में ही उन्हें ब्रोंकाइटिस और सांस से जुड़ी बीमारियों की चपेट में आना पड़ रहा है। अक्सर शहर में जाम की समस्या बनी रहती है और जहां-जहां भी जाम की समस्या है वहां पर लोग जल्दी निकलने के चक्कर में तेजी से हॉर्न बजाते हैं जिससे आसपास के राहगीर की श्रवण शक्ति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उस दौरान कई वाहन कार्बन डाइऑक्साइड भी छोड़ते हैं जिसको श्वसन के जरिए राहगीर ग्रहण कर लेते हैं और अस्थमा जैसी बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। हवाओं में फैली बदबूं के कारण बेतिया वासियों को तरह तरह के चर्म रोग का भी सामना करना पड़ रहा है।

 डंप कचरे का समय पर हो निष्पादन 

 प्रेमनंदन किशोर, आजाद हुसैन, आदित्य दीक्षित आदि ने बताया कि बेतिया शहर के हजारी मैदान में कचरा डंप किया जाता है। यह महीनों तक सड़ने और गलने के बाद आसपास के क्षेत्र में बदबू फैलाता रहता है। पास में सब्जी मंडी लगती है, जहां से सब्जी खरीदकर लोग ले जाते हैं। बदबूदार माहौल में मंडी में हरी सब्जियों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इस बदबूदार माहौल से यहां पहुंचने वाले ग्राहकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार इसको लेकर लोगों ने नाराजगी भी जताई है। इनका कहना है कि अगर यहां से सब्जी मंडी कहीं और शिफ्ट कर दी जाए। निगम प्रशासन को डंप कचरे का समय पर निष्तारण करना चाहिये। इनकी शिकायत है कि निगम प्रशासन इसको लेकर गंभीर नहीं है और लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है।

 शिकायतें

1. गलियों व मुख्य सड़कों पर पॉलिथिन में भरकर कचरा को फेंके जाने से हवा प्रदूषित हो रही है। इससे काफी दिक्कत होती है।

 2. बेतिया के लोग अस्थमा, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, एलर्जिक राइनाइटिस जैसी खतरनाक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। 

3. ‘प्रेशर हॉर्न से होने वाले ध्वनि प्रदूषण से लोग बहरेपन और रिंगिंग सेंसेशन जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

 4. बेतिया की सड़कों के किनारे जगह-जगह कई दिनों तक कूड़ा के सड़ जाने से राहगीरों को काफी परेशानी होती है। 

5. बाइक चालक बिना वजह तेज हार्न बजाते रहते हैं। इससे शहर के लोगों को ध्वनि प्रदूषण का खतरा बना रहता है। 

सुझाव

1. सड़कों के किनारे कूड़ा फेंकने वाले लोगों की शिनाख्त कर उन पर विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए।

 2. शहर के अंदर चलने वाले दो पहिया अथवा चार पहिया वाहन प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल नहीं करें।

 3. पॉलिथीन पर रोक के साथ उस पर कड़ाई के साथ पालन किया जाना चाहिए। उपयोग करने पर दंडात्मक कार्रवाई हो। 

4. शहर के अंदर प्रदूषण नियंत्रण की नियमावली का पालन नहीं किया जा रहा है। कठोर नियमावली बनानी चाहिए।

 5. लोगों के इस्तेमाल किए जाने वाले रास्ते में कूड़ा कचरा फेंके जाने पर निगम द्वारा पूरी तरह से रोक लगा देनी चाहिए।

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