पूर्व विधायक सत्यदेव सिंह कुशवाहा का निधन
पैतृक गांव में अंतिम संस्कार का अंतिम संस्कार गुरुवार को उनके पैतृक गांव गोह प्रखंड के भीमलीचक, देवकुंड थाना क्षेत्र में पुनपुन नदी के

पूर्व विधायक सत्यदेव सिंह कुशवाहा का हृदय गति रुकने से पटना में निधन हो गया। उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार गुरुवार को उनके पैतृक गांव गोह प्रखंड के भीमलीचक, देवकुंड थाना क्षेत्र में पुनपुन नदी के तट पर किया गया। वे जदयू के टिकट पर अरवल जिले के कुर्था विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे। उनके निधन की खबर से पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई। गुरुवार को जब सत्यदेव सिंह का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा, तो उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। ग्रामीणों की आंखों से आंसू छलक रहे थे। सैकड़ों लोग उनकी शव यात्रा में शामिल हुए।
गोह के पूर्व विधायक और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने भी पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। जब सत्यदेव सिंह के 15 वर्षीय पुत्र बबलू कुमार ने मुखाग्नि दी, तो वहां मौजूद लोग भावुक हो गए। सैकड़ों की संख्या में मौजूद ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। ----------------------------------------------------------------------------- राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित थे सत्यदेव सिंह कुशवाहा ----------------------------------------------------------------------------- पूर्व विधायक को उनके साहस के लिए राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया था। 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देशभर में भड़के दंगों के दौरान सत्यदेव सिंह बोकारो में रहते थे। उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर कई लोगों की जान बचाई थी। इस दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए और लंबे समय तक बोकारो के अस्पताल में भर्ती रहे। उनके इस साहस के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा गया था।
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