कुटुंबा के गांवों में होगा स्वच्छता मूल्यांकन, दिया गया प्रशिक्षण
15 जून से 14 अगस्त तक होगा सर्वे 3 कैप्शन- शुक्रवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम में दी जा रही जानकारी फोटो- 27 जून एयूआर 14 कैप्शन- प्रशिक्षण कार्यक्र

लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत शुक्रवार को प्रखंड परिसर अंबा के सभागार में स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की स्थिति को बेहतर करना और स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करना है। प्रशिक्षण में जिला और प्रखंड स्तर के अधिकारियों ने स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। जिला समन्वयक अजीत कुमार शरण ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण का मुख्य लक्ष्य खुले में शौच से मुक्ति प्लस मॉडल को बनाए रखना है। इसके साथ ही ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन को प्रभावी ढंग से लागू कर ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्ण स्वच्छता सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा कि यह सर्वेक्षण ग्रामीण समुदायों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने और बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सर्वेक्षण 15 जून से 14 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान गांवों, घरों और सार्वजनिक स्थानों पर कई मानकों का मूल्यांकन किया जाएगा। इनमें प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, मल कीचड़ प्रबंधन, गोबरधन संयंत्रों की कार्यक्षमता, स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग साइटों का प्रदर्शन और नागरिकों की प्रतिक्रिया शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण के माध्यम से स्वच्छता की कमियों को चिह्नित कर उन्हें दूर करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। प्रखंड समन्वयक दिनेश कुमार ने सभी पंचायत सचिवों और स्वच्छता सुपरवाइजरों को सर्वेक्षण की प्रक्रिया और उनके दायित्वों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पंचायत को स्वच्छता मानकों को लागू करने में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। वार रूम कर्मी अमित कुमार ने तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डाला और डाटा संग्रहण की प्रक्रिया को समझाया। कार्यक्रम में प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के मुखिया, पंचायत सचिव और स्वच्छता सुपरवाइजर शामिल हुए।
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