भारी बारिश से बाजार में सड़क पर भरा पानी, पेज 4 लीड
पैदल चलना हुआ मुश्किल, कई जगहों पर परेशानी हुई नगर परिषद क्षेत्र में जल जमाव की समस्या बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के

औरंगाबाद नगर परिषद क्षेत्र में जल जमाव की समस्या बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के बीच शुक्रवार को जिला मुख्यालय में मूसलाधार बारिश हुई। इसके बाद कई सड़कों पर पानी भर गया और आवागमन में दिक्कत हुई। औरंगाबाद के अंदर बाजार, ललिता बाबू रोड में भी कई फुट पानी जमा हो गया। इसके कारण इस व्यस्त सड़क पर लोगों का पैदल आवागमन बंद हो गया। बड़ी गाड़ियों को पार करने में भी दिक्कत हुई। पैदल गुजर रहे लोग अपनी पैंट और जींस को उपर कर पानी के बीच से गुजर रहे थे। इस पानी से तेज दुर्गंध उठ रही थी।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां समस्या बढ़ती जा रही है। अभी बरसात का महीना शुरू भी नहीं हुआ है। जून महीने में तेज बारिश होने के बाद जब यह हाल है तो बरसात में होने वाली समस्या की कल्पना की जा सकती है। इसी तरह औरंगाबाद शहर में ही कई मुहल्लों में जलजमाव हो रहा है। इस समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है। नगर परिषद के स्तर से सफाई अभियान भी चलाया गया है लेकिन इसके बावजूद जल जमाव की समस्या गंभीर हो रही है। इस संबंध में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि लगभग दो सौ सफाई कर्मियों को कार्य में लगाया जा रहा है। इसके अलावा मजदूरों की टीम जल जमाव को दूर करने में लगी हुई है। कई जगहों पर नाला में प्लास्टिक आदि डाल देने की वजह से पानी का बहाव बाधित हो रहा है। हालांकि यह समस्या ज्यादा देर तक नहीं रह रही है। बारिश के आधे घंटे के भीतर पानी की निकासी हो जा रही है। स्थानीय लोगों से भी अपील की गई है कि वह नाला में कचरा ना फेकें। --------------------------------------------------------------------------------------------------- नगर परिषद के कचरे को डंप करने की जगह नहीं लोगों को हो रही है परेशानी फोटो- 27 जून एयूआर 17 कैप्शन- औरंगाबाद के महावीर मंदिर मोड़ से पहले सड़क किनारे रखा गया कचरा औरंगाबाद, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। औरंगाबाद नगर परिषद क्षेत्र के विभिन्न वार्डों से उठाए जाने वाले कचरे को फेंकने के लिए अब तक जगह उपलब्ध नहीं हो सकी है। औरंगाबाद नगर परिषद के द्वारा इस संबंध में लोगों से जगह उपलब्ध कराने के बाद किराया देने की बात भी कही गई थी। इसको लेकर प्रक्रिया भी शुरू की गई लेकिन जमीन उपलब्ध कराने के लिए कोई आगे नहीं आया। नगर परिषद के द्वारा कम से कम पांच कट्ठा जमीन की खोजबीन हो रही है जिससे कि कचरा डंप किया जा सके। फिलहाल नगर परिषद क्षेत्र के 33 वार्डों से उठाए जाने वाले कचरे को जहां-तहां गिराया जा रहा है। इसके अलावा मुहल्लों से कचरा उठाव का कार्य भी बाधित हो रहा है। प्रत्येक दिन शहर से कई टन कचरा निकलता है लेकिन वर्तमान में कचरा का उठाव और उसके निपटारे की प्रक्रिया बुरी तरह चरमरा गई है। कार्यपालक पदाधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि कचरा डंप करने को लेकर जगह की तलाश की जा रही है। अभी तक सफलता नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि पूर्व में जहां कचरा डंप होता था, वहां कुछ दूसरा निर्माण कार्य कर दिया गया है। फिलहाल जगह उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जहां कहीं भी जमीन चिन्हित होती है, लोग उसका विरोध करने लगते हैं। किराए पर भी जमीन लेने का प्रयास हुआ है। कचरे के निष्पादन के लिए संयंत्र लगना है और भविष्य में दुर्गंध आदि की समस्या बिल्कुल समाप्त हो जाएगी। गीला और सूखा कचरा मशीनों की मदद से अलग-अलग होगा।
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