रहें जागरूक: स्वस्थ जीवन के लिए तम्बाकू व गुटखा को करें बाय-बाय
कुर्साकांटा में युवाओं और बच्चों के बीच तम्बाकू और गुटखा का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। स्वास्थ्य मानकों के बावजूद, बच्चे इन बुरी आदतों के शिकार हो रहे हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इससे गंभीर...

कुर्साकांटा, निज प्रतिनिधि। प्रखंड क्षेत्र में युवाओं व बच्चों के द्वारा तम्बाकू या तम्बाकू निर्मित गुटखा का प्रयोग धड़ल्ले किया जा रहा है। इससे युवाओं व नौनिहालों का भविष्य संकट में पड़ा है। स्वास्थ्य मानक के अनुरुप सरकारी निर्णय के उपरान्त सभी तम्बाकू एवं तम्बाकू निर्मित गुटखा के चेतावनी के बाद भी युवा व स्कूली बच्चों द्वारा गुटखा व पान मसाले का प्रयोग काफी मात्रा में किया जा रहा है। इन मासूम बच्चों को नहीं मालूम की वे गुटका खाकर अपनी जिंदगी तबाह कर रहे हैं। आश्चर्य की बात यह है कि बच्चों के बुरी आदत के बारे में अभिभावक को भी पता नहीं हैे उनके बच्चे बुरी आदत से ग्रसित हो रहे हैं।
एक पान दुनकानदार ने अपना नाम नहीं छापने के शर्त पर कहा कि दुकान की कुल ब्रिकी का 75 प्रतिशत तम्बाकू व इससे निर्मित गुटखा का होता है। इस संबंध में दंत रोग विशेषज्ञ डॉ ब्रजेश झा ने बताया कि तम्बाकू व इससे निर्मित गुटखा खाने से सांसों में बदबू, मुंह में छाले, पायरिया, दन्तक्षय, ह्दय रोग, लकवा व कैंसर जैसे बीमारियों की खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावे तंबाकू और गुटखा का सेवन सामाजिक और आर्थिक रुप से भी हानिकारक है। यह व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को कम करता है ओर परिवार और समाज पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसलिए स्वस्थ जीवन जीने के लिए तंबाकू और गुटखा का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए।
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