12 साल से झोपड़ीनुमा टिन शेड में चल रहा नवसृजित प्रावि मुशहरी टोला
अररिया सदर प्रखंड के महिषाकोल गांव में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय मुशहरी टोला की स्थिति चिंताजनक है। 2013 में स्थापित इस विद्यालय में न भवन, न बिजली, न पानी है। बच्चे और शिक्षक टिन के छोपड़ीनुमा ढांचे...

अररिया, वरीय संवाददाता। अररिया सदर प्रखंड स्थित झमटा पंचायत महिषाकोल गांव स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय मुशहरी टोला की हालत सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है। साल 2013 में स्थापित इस विद्यालय में आज भी बच्चे और शिक्षक टीन के एक छोपड़ीनुमा ढांचे के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं। अभिभावकों ने बताया कि भीषण गर्मी में टिन की छत तपते तवे जैसी हो जाती है, जिससे पठन-पाठन बुरी तरह प्रभावित होता है। बारिश में शोर और रिसाव की परेशानी अलग से होती है। विद्यालय में न भवन है, न बिजली, न शुद्ध पानी, और न ही कोई पक्का रास्ता। यहां तक कि कार्यालय के लिए कोई अलग कमरा न होने की वजह से शिक्षकों को मजबूरी में शौचालय को ही कार्यालय में बदल देना पड़ा है।
हेड मास्टर मोहम्मद यहया ने बताया कि उनके कक्षा एक से पांचवीं तक की पढ़ाई होती है। यहां 112 बच्चे नामांकित हैं। तीन शिक्षक कार्यरत हैं। बताया कि इस नवसृजित प्रावि की स्थापना वर्ष 2013 में हुई थी। वर्ष 2017 में विद्यालय के नाम 11 डिसमिल उपलब्ध करायी गयी। लेकिन अभी तक भवन निर्माण नहीं होने से बच्चे से लेकर शिक्षक तक को परेशानी हो रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि इस बार वे ई शिक्षा कोष एप के माध्यम से भवन निर्माण के संबंध में आवेदन किए हैं। उम्मीद है शीघ्र ही समस्या का समाधान हो जाएगा। जिला पार्षद प्रतिनिधि फैसल जावेद यासीन का कहना है कि अधिकारी स्तर पर कई बार संवाद और आवेदन के बावजूद इस दिशा में न कोई कार्रवाई हुई और न ही कोई संवेदनशीलता दिखाई गई। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो ग्रामीणों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। बताया कि सब कुछ एक टिन शेड और शौचालय की दीवारों के बीच घुटता नज़र आ रहा है। सच कहें तो यह केवल एक स्कूल की कहानी नहीं है, यह उस व्यवस्था की तस्वीर है जो शिक्षा का अधिकार देने का दावा तो करती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत किसी उपेक्षित झोपड़ी से ज़्यादा नहीं। बोले अधिकारी : पिछली बार ज्यादा संख्या वाले 27 स्कूलों में भवन निर्माण कराया गया था। नवसृजित प्रावि मुशहरी टोला का एचएम यदि ई शिक्षा कोष एप के जरिये भवन निर्माण संबंधी आवेदन दिया होगा तो इसी बार भवन निर्माण का काम हो जाएगा। भवन बनने के साथ ही अन्य सुविधाएं भी मिल जाएगी। संजय कुमार, डीईओ अररिया।
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