अररिया : नियमों को ताक पर रख अररिया में हुई शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग
अररिया जिले में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। नियमों का उल्लंघन करते हुए शिक्षकों की पोस्टिंग की गई है, जिससे कुछ स्कूलों में बच्चे और शिक्षकों का अनुपात बिगड़ गया है।...

अररिया, वरीय संवाददाता। अररिया जिले में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। नियमों को ताक पर रख शिक्षकों के तबादले का मामला सामन आ रहा है। ई शिक्षा कोष के एप के जरिए हुए तबादले प्रक्रिया में बच्चे व शिक्षक के अनुपात का बिलकुल ही ध्यान नहीं रखा गया। हिन्दुस्तान पड़ताल में यह सामने आई कि जहां पहले से ही ज्यादा शिक्षक थे वहां भी बड़ी संख्या में शिक्षकों की पोस्टिंग हुई। शिक्षा के अधिकार अधिनियम यानी आरटीई के अनुसार प्राथमिक कक्षा में 30 बच्चे पर एक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में 35 पर एक शिक्षक जरूरी है लेकिन यहां स्थिति ये की कहीं नौ बच्चे पर एक शिक्षक तो कीं 13 बच्चे पर एक मास्टर साहब।
कहीं तो 20 बच्चे पर एक गुरु जी पोस्टिंग कर दी गई। हिंदुस्तान पड़ताल में ऐसे भी मामले मिले हैं जहां नामांकित बच्चे 300 हैं। लेकिन कमरे दो और पोस्टिंग के बाद शिक्षकों की संख्या 12 हो गयी है। इसे आप क्या कहेंगे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा या कुछ और। ये अच्छी बात है की यहां बच्चे की संख्यां के अनुसार शिक्षक ज्यादा है। लेकिन जहां बच्चे ज्यादा हैं और शिक्षक कम वहां परेशानी तो हो ही रही होगी। जैसे यूएमएस पकड़ी टोला परबत्ता कुर्साकांटा में नामांकित 182 बच्चे में केवल चार शिक्षक हीं कार्यरत हैं। जिले में ऐसे सैकड़ो शिक्षक हैं। ये इन स्कूलों व बच्चे के साथ ज्यादती नहीं है क्या। हालांकि गड़बड़ी के खुलासे के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी इसे दुरूस्त करने की बात कह रहे हैं। बकौल डीईओ संजय कुमार पोर्टल में गड़बड़ी के कारण ऐसा हुआ है। गड़बड़ी का शीघ्र निराकरण किया जाएगा। जिन स्कूलों जहां ज्यादा ट्रांसफर होकर गए हैं, वहां से उसे हटाया जायेगा। वैसे भी नए विद्यालय के लिए आवंटन पत्र में यह स्पष्ट है कि बच्चों के नामांकन के अनुपात में अगर विद्यालय में शिक्षकों की संख्या ज्यादा होती है तो जिले के किसी विद्यालय में ट्रांसफर किया जा सकता है। बोले पदाधिकारी : पोर्टल में गड़बड़ी के कारण ऐसा हुआ है। खामियां व त्रुटियों पता लगाकर विभाग से मिले मार्गदर्शन के आालोक में दुरूस्त किया जाएगा। जिन स्कूलों में अधिक शिक्षक हैं, वहां से उन्हें हटाया जाएगा। एक सप्ताह के अंदर गड़बड़ियों का निराकरण कर लिया जाएगा। संजय कुमार, डीईओ अररिया।
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