अररिया : बदलते मौसम में बच्चों की सेहत का रखें विशेष ध्यान, रहें अलर्ट
अररिया में गर्मी दस्तक दे चुकी है, जिससे बच्चों की सेहत पर असर पड़ सकता है। तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक और डायरिया का खतरा बढ़ गया है। अभिभावकों को बच्चों की देखभाल में विशेष...

अररिया, वरीय संवाददाता। जिले में कब का गर्मी दस्तक दे चुकी है। हर दिन तापमान में उतार-चढ़ाव हो रहा है। इस मौसम में हो रहा ये बदलाव बड़ों के साथ-साथ बच्चों की सेहत को प्रभावित कर सकता है। इसलिये अभिभावकों के लिये अपने छोटे बच्चों का सही से देखभाल काफी जरूरी हो चुका है। बदलते इस मौसम में बच्चों को कई तरह के संक्रमण के साथ-साथ डायरिया, पानी की कमी जैसी समस्या बेहद आम है। इससे बचाव के लिये बच्चों को कड़ी धूप के साथ सुबह व शाम पड़ने वाली ठंड के साथ ठंडी हवाओं से बच्चों का बचाव जरूरी है।
सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ आकाश कुमार राय ने बताया कि गर्मी का मौसम अब अपना प्रभाव दिखाने लगा है। तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे मौसम में बच्चों को पानी की कमी, हीट स्ट्रोक व डायरिया का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिये अभिभावकों को अपने बच्चों की विशेष निगरानी रखने की जरूरत है। बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिये उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी पिलायें। मां का दूध छोटे बच्चों के लिये सर्वोत्तम आहार है। छह महीने तक के बच्चों के लिये दूध पीने की जरूरत गर्मियों में और अधिक बढ़ जाती है। इसके लिये माताओं को भी हाइड्रेट रहने की जरूरत है। छह माह तक के बच्चों को मां द्वारा नियमित अंतराल दूध पिलाया जाना चाहिये। वहीं छह माह से अधिक उम्र के बच्चों को पर्याप्त ऊपरी आहार के साथ मां का दूध पिलाना बच्चों को किसी तरह के बीमारी से बचाव के लिहाज से महत्वपूर्ण होता है। जो उन्हें कई तरह के रोगों से मुक्त रखता है। एसीएमओ, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ मोईज ने बताया कि तेज धूप व गर्मी से बच्चों का बचाव जरूरी है। गर्मी के दिनों में छोटे बच्चों को तेज धूप में घर से बाहर लेकर ना जाएं। अगर बाहर ले जाना जरूरी हो तो धूप से बचाव के लिए बच्चों को हल्के रंग के पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं व छाता का उपयोग करें। बच्चों को अधिक पसीना आने से उन्हें डिहाइड्रेशन का खतरा हो सकता है। बच्चे जब तक अधिक बीमार ना हो जायें तब तक उनमें किसी रोग का कोई विशेष लक्षण नहीं दिखता है। सेहत खराब होने पर बच्चे सामान्य बच्चों की तुलना में अधिक चिड़चिड़े व सुस्त हो सकते हैं। उनकी त्वचा शुष्क हो सकती है। पानी पीने से बच्चा मना भी कर सकता है। गर्मी के दिनों में अभिभावकों को अपने बच्चों को अधिक कपड़े नहीं पहनाना चाहिए। बच्चों के लिए आरामदायक सूती कपड़ों का चयन करना इस मौसम में ज्यादा उपयुक्त है। सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा कि बच्चों का गर्मी से बचाव जरूरी है। इसे लेकर माता-पिता को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसलिये थोड़े-थोड़े अंतराल पर बच्चों को पानी सहित अन्य तरल पदार्थ का सेवन कराना चाहिये। छह माह तक के बच्चों को थोड़े-थोड़े अंतराल पर स्तनपान करायें। इससे अधिक उम्र के बच्चों को समुचित पोषाहार के साथ स्तनपान कराया जाना चाहिये। अगर बच्चों को अधिक पसीना आता हो, उल्टी, मतली व सिरदर्द की शिकायत हो या पेशाब कम आ रहा हो। तो बच्चों की इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए नजदीकी अस्पताल में बच्चों की समुचित जांच व इलाज को प्रमुखता दिया जाना चाहिये।
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