जोगबनी एपीएचसी पर 50 हजार आबादी को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी
जोगबनी एपीएचसी पर 50 हजार आबादी को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी जोगबनी एपीएचसी पर 50 हजार आबादी को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी
जोगबनी। सामरिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण इंडो-नेपाल बार्डर स्थित जोगबनी नगर परिषद क्षेत्र। यहां की आबादी 50 हजार से अधिक हैं लेकिन स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर केवल एक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा कुछ नहीं है। स्वास्थ विभाग के जानकार बताते हैं कि नियमानुसार 30 हजार से अधिक की आबादी पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 50 हजार से अधिक की आबादी पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होनी चाहिए। लेकिन जोगबनी को ये नसीब नहीं है। दुखद पहलू ये कि जोगबनी के ये अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी केवल कागजों पर ही स्वस्थ हैं। वर्षों से ये स्वास्थ्य केन्द्र संसाधनों की कमी का रोना रो रहा है।
सच कहें तो यह स्वास्थ्य केंद्र केवल दो स्टाफ नर्स, आयुष डाक्टर और सुरक्षा गार्ड के भरोसे चल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कभी अस्पताल में एमबीबीएस डॉक्टर रहा करते थे। लोग इलाज कराने इस अस्पताल में आते-जाते थे। अब यहां लोग सिर्फ लाल पीली दवा के लिए ही पहुंचते है वह भी आस पड़ोस की। स्थानीय लोगों की माने तो अस्पताल में 2017 में आई बाढ़ में दीवार टूट गयी थी। इसका अब तक न मरमत हुआ और न नया बिल्डिंग बना ही। लोगों का कहना है कि अस्पताल परिसर नशेड़ियों का अड्डा बन गया है। अक्सर लोगों को तास खेलते देखे जाते हैं। बताया गया है अस्पताल में एक डाटा ऑपरेटर, एक लैब टेक्नीशियन के पद हैं। जो कम दिखते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार जोगबनी के अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में पर न तो एंबुलेंस की सुविधा है ना किसी तरह के ऑपरेशन की व्यवस्थ। नियमानुसार जोगबनी में कम से कम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होनी चाहिए जहां नियमित डॉक्टर आते हों, आपरेशन और जांच की सुविधा हो। यदि जोगबनी में कोई सड़क दुर्घटना हो जाए तो उसे यहां प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल पाता है। स्थानीय प्रशासन को भी अभियुक्त को मेडिकल कराने फारबिसगंज जाना पड़ता है । सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण अधिकांश लोग अपना इलाज करवाने नेपाल जाते हैं, जो कि हमारी सरकारी व्यवस्था के लिए शर्म की बात हैं। जोगबनी एक ऐतिहासिक स्थल के साथ साथ राजनीतिक रूप से भी समृद्ध स्थान रहा हैं। यहां से बिहार विधानसभा में दो दो सदस्य प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। स्थानीय लक्ष्मण यादव, नरेश यादव , प्रकाश चंद्र विश्वास , श्याम साह ,दिनेश साह , रंजीत झा , मंटू भगत , खुशबू दुबे , बिकास गोयल, अविनाश झा , शिवाजी झा ने बताया कि कोरोना काल में लोग वैक्सीन लेने अस्पताल पहुंचते थे जिसके बाद तो अस्पताल का लोगो का दर्शन भी नहीं हुआ है । अस्पताल के बदहाली के कारण शहर में जहां तहां ग्रामीण डाक्टर का साम्राज्य स्थापित हो चुका है जिसका इलाज से कई लोगों का अबतक मौत हो चुकी है । बोली जिम्मेदार: जोगबनी के अस्पताल में सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत हूं । अस्पताल को लेकर सांसद व विधायक से मिल चुकी हूं। अस्पताल में एमबीबीएस स्तर के चिकित्सक , महिला चिकित्सक बहाल किया जाए इसके लिए लगातार ध्यान आकृष्ट कराते आई हूं । जल्द ही स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर भी एक ज्ञापन सौंपा जाएगा । उम्मीद है जल्द ही यहां की स्वास्थ्य सेवाएं दुरूस्त होंगी। रानी देवी, मुख्य पार्षद, नगर परिषद, जोगबनी।
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