पीएम मोदी के बाद राहुल गांधी आ रहे बिहार, नीतीश कुमार के मंत्री बोले- नकल से अक्ल नहीं आती
इस साल राहुल गांधी पांचवीं बार बिहार आ रहे हैं। नीतीश कुमार के मंत्री नीरज बबलू ने कहा है कि वे पीएम मोदी की नकल कर रहे हैं।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी फिर बिहार आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अगले माह यानी 6 जून को बिहार के नालंदा में राहुल गांधी का प्रोग्राम होने वाला है। नालंदा में वे पिछड़ा सम्मेलन में भाग लेंगे। नीतीश कुमार के मंत्री और बीजेपी नेता नीरज कुमार बबलू ने कहा कि वे मोदी जी की नकल कर रहे हैं। मंत्री अशोक चौधरी ने भी कहा है कि इससे कांग्रेस या राहुल गांधी को कोई फायदा नहीं होगा। गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर बिहार आए थे। शुक्रवार को सासाराम के बिक्रमगंज में सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस को दलित और पिछड़ा विरोधी बताया था। इस साल राहुल गांधी पांचवीं बार बिहार आ रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राहुल गांधी 6 जून को बिहार आएंगे। नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में अति पिछड़ा-पिछड़ा सम्मेलन में लोगों से संवाद करेंगे। इससे पहले राहुल गांधी मई महीने में दरभंगा आए थे जहां प्रशासन के प्रतिबंध के बावजूद अंबेडकर छात्रावास में जाकर संबोधित किया था। इसे लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गयी। उनके दरभंगा दौरे पर काफी सियासी बवाल भी हुआ। वहां से पटना पहुंचे और पार्टी के कार्यक्रम में भाग लिया। राहुल गांधी जनवरी, फरवरी और अप्रैल में बिहार आए थे।
6 जून को राजगीर में होने वाले राहुल गांधी के कार्यक्रम को लेकर चर्चा जोरों पर है। यह कार्यक्रम 27 मई को होने वाला था लेकिन टाल दिया गया था। इस बीच शाहाबाद की सभा में प्रधानंत्री नरेंद् मोदी कांग्रेस पर दलित और पिछड़ा विरोधी होने आरोप लगाया था। माना जा रहा है कि राहुल गांधी नालंदा में अत्यंत पिछड़ा वर्ग और पिछड़ा वर्ग को साधने की कवायद करेंगे। कांग्रेस पार्टी की ओर से जोर शोर से तैयारी की जा रही है।
राहुल गांधी के बिहाल दौरे पर राजनीति तेज हो गई है। जेडीयू के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि वे पहली बार बिहार नहीं आ रहे। पहले भी आए तो क्या हुआ। इस बार भी कोई लाभ नहीं हुआ। मंत्री नीरज कुमार बबलू ने कहा कि वे पीएम मोदी जी की नकल कर रहे हैं। लेकिन नकल से अक्ल नहीं बढ़ती है। वे नालंदा जाएं, या मुख्यमंत्री के दरवाजे पर जाकर पैर पकड़ें फिर भी पिछड़ा-अति पिछड़ा समाज उनके साथ जाने वाला नहीं है।