गजब का ऑफर: आज इस कार को खरीदा और 6 महीने में घट गई कीमत, तो कंपनी उतने रुपए करेगी वापस
इस टाइम-बाउंड ऑफर के तहत, अब कार खरीदने वाला कोई भी व्यक्ति अगले 180 दिनों (6 महीने) के अंदर एक्स-शोरूम कीमत कम होने पर कीमत के अंतर को वापस पाने का पात्र होगा। यानी जो भी अंतर आता है कंपनी ग्राहकों को वो पैसा लोटा देगी।

मिनी इंडिया ने ऑफिशियली तौर पर अपने 3-डोर कूपर S के लिए एक प्राइस प्रोटेक्शन स्कीम शुरू की है, जिसका उद्देश्य ऐसे समय में ग्राहकों को भरोसा दिलाना है जब इम्पोर्ट ड्यूटी में बदलाव होने वाले हैं। इस टाइम-बाउंड ऑफर के तहत, अब कार खरीदने वाला कोई भी व्यक्ति अगले 180 दिनों (6 महीने) के अंदर एक्स-शोरूम कीमत कम होने पर कीमत के अंतर को वापस पाने का पात्र होगा। यानी जो भी अंतर आता है कंपनी ग्राहकों को वो पैसा लोटा देगी। बता दें कि काफी हद तक इसका डिजाइन मारुति सुजुकी स्विफ्ट से मिलता नजर आता है।
यह घोषणा संभावित खरीदारों के बीच झिझक को खत्म करने के लिए की गई है, जिसमें उन्हें आश्वासन दिया गया है कि अगर उनकी खरीद के तुरंत बाद कीमतें गिरती हैं तो उन्हें नुकसान नहीं होगा। कूपर S को यूके में मिनी के ऑक्सफोर्ड प्लांट से पूरी तरह से तैयार यूनिट के रूप में इम्पोर्ट किया जाता है। वर्तमान में इसकी एक्स-शोरूम कीमत 44.9 लाख रुपए है।
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यह एश्योर्ड प्रोग्राम 3-डोर कूपर S के लिए है और ऑल-इलेक्ट्रिक कंट्रीमैन तक विस्तारित नहीं है जो एक CBU मॉडल भी है, लेकिन जर्मनी में BMW ग्रुप की लीपजिग सुविधा में तैयार होती है। ब्रिटिश निर्माता ने इस प्रस्ताव को कस्टमर-फर्स्ट डिसीजन के रूप में डिस्क्राइब किया है, जिसे ब्रांड पर विचार करने वालों के लिए विश्वास को बढ़ाने और निर्णय लेने को आसान बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।
तीन साल से ज्यादा समय तक चली बातचीत के बाद, भारत और यूनाइटेड किंगडम ने हाल ही में औपचारिक रूप से एक एतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं, जो द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है। इस समझौते से 2040 तक सलाना व्यापार मात्रा में 25.5 बिलियन पाउंड की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो 2024 में दोनों देशों के बीच 42.6 बिलियन पाउंड के माल और सेवाओं के आदान-प्रदान पर आधारित है।
यह व्यापार समझौता भारतीय निर्यातकों के लिए एक बड़ा लाभ है, क्योंकि यूनाइटेड किंगडम भारत से आने वाले 99% सामानों पर टैरिफ हटाने पर सहमत हो गया है। इस व्यापक रियायत से गार्मेंट्स, मरीन प्रोडक्ट, चमड़े की वस्तुओं और ऑटो कम्पोनेंट जैसे सेक्टर में आउटबाउंड व्यापार को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे कई उद्योगों को फायदा होगा।
दूसरी तरफ, भारत ने 90% ब्रिटिश निर्यात पर शुल्क घटाने की प्रतिबद्धता जताई है, जिससे धीरे-धीरे कई प्रमुख सेक्टर में उसके बाजार तक पहुंच खुल गई है। एफटीए को आगे और मंजूरी की आवश्यकता है और उम्मीद है कि मिनी, एमजी, एस्टन मार्टिन, जगुआर लैंड रोवर, मैकलारेन आदि जैसी ब्रिटिश ब्रांडेड कारों की कीमतों में भारी गिरावट आएगी।
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