क्या है पितृदोष और किन कामों से लगता है, श्राद्ध शुरू होने से पहले जान लें
पितृदोष किन कामों से लगता है, आपको इससे बचने के लिए इसके बारे में जानना जरूरी है। इसके अलावा श्राद्धपक्ष शुरू होने से पहले इसके लक्षण क्या होते हैं और इससे बचने के लिए क्या उपाय करने चाहिए, यह भी आपको पता होना चाहिए।

इस साल श्राद्ध यानी पितृपक्ष अश्विन मास से लग जाएंगे। ऐसे में इस समय अपने पितरों के लिए तर्पण करना बहुत खास माना जाता है। इस साल 7 सितंबर 2025 से श्राद्ध पक्ष शुरू हो रहा है। 21 सितंबर को श्राद्ध पक्ष समाप्त होगा। पूर्णिमा श्राद्ध- 07 सितम्बर 2025 को होगा। ऐसा कहा जाता है कि कुछ ऐसे काम हैं, जिन्हें करने से पितृदोष लगता है। पितृदोष के कारण कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शास्त्रों की मानें तो तब लगता है जब किसी व्यक्ति के पूर्वजों का अंतिम संस्कार और पिंडदान, श्राद्ध, तर्पण नहीं किया जाता है, तो पितृ नाराज हो जाते हैं। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि किसी पूर्वज की अकाल मृत्यु, या किसी पेड़ (जैसे पीपल, नीम, बरगद) को काटने से भी पितृदोष लगता है, ऐसे में इसके लिए उपाय किए जाने चाहिए। इसके अलावा बांस की लकड़ी को जलाना वर्जित माना गया है। यहां तक की हम अर्थी के लिए बांस की लकड़ी का उपयोग तो करते है लेकिन उसे चिंता में जलाते नहीं। अगर कोई बांस को जलाता है तो उसे पितृ दोष लगता है।
पितृ दोष के क्या लक्षण होते हैं
अगर परिवार में विवाह योग्य बच्चों के विवाह में अनावश्यक या अकारण विलंब हो रहा है या बाधा आ रही है। यदि घर में हर समय लड़ाई का माहौल रहता है। यदि लगातार कामों में बाधा आ रही हैं। यदि आकस्मिक दुर्घटनाएं हो रही हैं। यदि पैसे बेवजह खर्च हो रहे हैं। धन रुकता ही नहीं। धन हानि हो रही है तो यह भी पितृ दोष का एक लक्षण है।
पितृ दोष का क्या उपाय होता है
उपाय के तौर पर प्रत्येक अमावस्या को पितरों के निमित अन्न, दूध एवं मिठाई ब्राह्मण को दें। किसी तीर्थ स्थल पर जाकर पितृ शांति करवाना भी शुभ होता है। अधिकतर गया जी में पितरों का पिंडदान और श्राद्ध करना शुभ माना गया है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।