Hindi Newsधर्म न्यूज़आस्थाShubh vivah muhurat July list of work are done in Chaturmas 2024

जुलाई में शादी के सात ही शुभ मुहूर्त, इसके बाद चातुर्मास, ये है उन कामों की लिस्ट जो चातुर्मास में करने चाहिए

इस बार जुलाई में विवाह के केवल सात ही शुभ मुहूर्त है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि से नवमी तिथि तक वैवाहिक मुहूर्त है। यानी नौ से 15 जुलाई तक ही शहनाई गूंजेगी। 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी के बाद चातुर्मास है।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तानMon, 1 July 2024 05:06 PM
share Share
Follow Us on
जुलाई में शादी के सात ही शुभ मुहूर्त, इसके बाद चातुर्मास,  ये है उन कामों की लिस्ट जो चातुर्मास में करने चाहिए

इस बार जुलाई में विवाह के केवल सात ही शुभ मुहूर्त है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि से नवमी तिथि तक वैवाहिक मुहूर्त है। यानी नौ से 15 जुलाई तक ही शहनाई गूंजेगी। 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी के बाद चातुर्मास है। शादी-विवाह पर विराम लग जायेगा। नवम्बर में ही एक बार फिर शहनाई गूंजेगी। चार महीने तक सभी मांगलिक कार्य बंद रहेंगे।

चातुर्मास के दौरान भगवत पूजन, शिव पुराण का पाठ, महामृत्युंजय का जाप, एकांतवास में स्वाध्याय, दान-पुण्य, गौ एवं ब्राह्मण की सेवा, तीर्थ यात्रा, अनुष्ठान, बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए। वहीं इस दौरान शादी-विवाह, उपनयन, मुंडन, गृहप्रवेश ,बहुमूल्य वस्तुओं की खरीदारी, मांगलिक कार्य आदि नहीं करना चाहिए। नवम्बर-दिसम्बर में 19 वैवाहिक लग्र मुहूर्त के बाद 16 दिसम्बर को सूर्य देव वृश्चिक राशि से सुबह सात बजकर 39 मिनट पर धनु राशि में जायेंगे और एक बार खरमास लग जाएगा। इसके बाद अगले साल 2025 में मकर संक्रांति के बाद शादी-विवाह का लग्न शुरू होगा।

चातुर्मास के दौरान सनातन धर्मावलंबियों में शादी-विवाह, जनेऊ, मुंडन, गृह प्रवेश आदि कार्य बंद हो जाते हैं। पंडित सूर्यमणि पांडेय ने बताया कि बृहस्पति का उदय ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष द्वादशी तीन जून को हो गया है। अभी शुक्र अस्त बरकरार है। शुक्र ग्रह का उदय आषाढ़ कृष्ण सप्तमी 28 जून को शाम पांच बजकर छह मिनट पर हो गया है। शुक्र का बालत्व एक जुलाई को समाप्त होगा, उसके बाद 9 जुलाई से शुभ लग्न मुहूर्त प्रारम्भ होंगे। आषाढ़ शुक्ल पक्ष देवशयनी एकादशी यानी 17 जुलाई बुधवार को अनुराधा नक्षत्र व शुभ योग के साथ सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग में श्रीहरि विष्णु शयन के लिए क्षीर सागर में चले जाएंगे। इस दौरान साधु-संत, सन्यासी चार महीना अपना आसन जमाकर भजन-कीर्तन, भगवत गुणगान, कथा-प्रवचन आदि धार्मिक कार्य करेंगे। फिर 12 नवंबर मंगलवार को कार्तिक शुक्ल देवोत्थान एकादशी को श्रीहरि निद्रा से जागृत होंगे। आचार्य पप्पू पांडेय ने बताया कि 4 माह पश्चात कार्तिक शुक्ल एकादशी पर 12 नवम्बर को चातुर्मास समाप्त होगा और मांगलिक कार्य एक बार फिर 16 नवंबर से शुरू होंगे।

शुभ मुहूर्त :

नवंबर : 16,17, 18, 22, 23, 24, 25, 26, 28, 29

दिसंबर 2, 3, 4, 5, 9, 10, 11, 14, 15

अगला लेखऐप पर पढ़ें