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Gupt Navratri 2025: उज्जैन के इस मंदिर में जलती है विशेष दीपमालिका, जानें मान्यता

Gupt Navratri 2025: उज्जैन स्थित शक्तिपीठ हरिसिद्धि माता मंदिर में गुप्त नवरात्रि के वक्त दीपमालिका प्रज्वलित की जाती है। इस साल के गुप्त नवरात्रि के लिए इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है।

Garima Singh लाइव हिन्दुस्तानWed, 18 June 2025 05:08 PM
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Gupt Navratri 2025: उज्जैन के इस मंदिर में जलती है विशेष दीपमालिका, जानें मान्यता

Gupt Navratri in Harsiddhi Mata mandir: अगले हफ्ते से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत (26 जून से 4 जुलाई) हो जाएगी। बता दें कि हिंदू कैलेंडर में नवरात्रि चार बार आती है। जहां शारदीय और चैत्र नवरात्रि की तैयारियां जोरो शोरों से होती हैं। वहीं साल में दो बार आने वाले गुप्त नवरात्रि की पूजा गुप्त तरीके से ही होती है। इस दौरान देवी मां के 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। वहीं उज्जैन स्थित हरिसिद्धि मंदिर में गुप्त नवरात्रि के वक्त लोग गुप्त साधना करते हैं। इस दौरान उज्जैन में स्थित शक्तिपीठ हरिसिद्धि मंदिर में विशेष दीपमालिका भी जलाई जाती है। बता दें कि ये मंदिर महाकालेश्वर मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है। देवी मां के इस मंदिर में हर दिन संध्या आरती होती हैं, लेकिन गुप्त नवरात्रि के दौरान शाम का नजारा बिल्कुल अलग होता है।

लाखों की संख्या में आते हैं भक्त

बता दें कि पहले हरिसिद्धि मंदिर में दीपमालिका सिर्फ शारदीय नवरात्रि के वक्त ही प्रज्वलित की जाती थी। अब कुछ सालों से गुप्त नवरात्रि में भी इसे किया जाता है। हर साल इस मौके पर तमाम लोग देवी मां के दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर के ठीक सामने बाहरी ओर दो बड़े-बड़े दीपस्तंभ हैं। बताया जाता है कि मराठा काल से ही ये स्तंभ यहां पर मौजूद हैं। इसे ही दीपमाला कहा जाता है। एक दीपमालिका को एक बार प्रज्वलित करने के लिए लगभग 12 से 15 हजार का खर्चा आता है।

हरिसिद्धि मंदिर की मान्यता

हिंदू धर्मग्रंथ के अनुसार अपने पिता के मुंह से पति की बेइज्जती सुनने के बाद माता सती से रहा नहीं गया। उन्होंने तुरंत वहीं पर मौजूद अग्नि कुंड में कूदकर अपनी जान दे दी। भगवान शिव दर्द से कराह उठे और वियोग में माता सती के शरीर को लेकर तांडव करने लगे। इस वजह से पूरे ब्रह्मांण में कोहराम मच गया। ये सब देखकर भगवान विष्णु ने तुरंत अपना सुदर्शन चक्र चलाया और माता सती के अंगों के कई टुकड़े कर दिए ताकि विनाश से बचा जा सके। ऐसे मे जिन-जिन जगहों पर माता सती के अंग या उनसे जुड़ी जो भी चीजें गिरीं, वहीं पर शक्तिपीठ बन गए। कुल मिलाकर 52 शक्तिपीठ हैं और इन्हीं में से एक उज्जैन का हरिसिद्धि मंदिर है। इस जगह पर ही माता सती की कोहनी गिरी थी। कहा जाता है कि जो भी भक्त यहां आकर मत्था टेकते हैं, देवी मां उनकी हर मनोकामना पूरी करती हैं।

डिस्क्लेमर- (इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)

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