Kartik Maas: कार्तिक मास आज से शुरू, जानें कार्तिक स्नान का महत्व व तुलसी पूजन विधि व नियम
- Kartik Maas 2024 Start to End Date: कार्तिक मास में स्नान व तुलसी पूजन का विशेष महत्व होता है। जानें तुलसी पूजन विधि व नियम

Kartik Maas 2024: हिंदू कैलेंडर में कार्तिक मास आठवां महीना होता है। इस महीने भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं। इस महीने भगवान विष्णु व भगवान श्रीकृष्ण के पूजन का विधान है। यह महीना दामोदर माह के नाम से जाना जाता है। यह आध्यात्मिक ज्ञान और शुद्धि का महीना है। भीष्म पितामह ने भी भगवान विष्णु का सम्मान करते हुए कार्तिक माह में ही अपना शरीर त्यागा था। मान्यता है कि इस महीने भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से संकटों से मुक्ति मिलती है। सुख-समृद्धि का आगमन होता है। जानें कार्तिक मास कब से कब तक, तुलसी पूजा विधि व नियम-
कार्तिक मास कब से कब तक रहेगा- हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास 18 अक्तूबर से प्रारंभ हो रहा है और 15 नवंबर 2024 को समाप्त होगा।
कार्तिक स्नान का महत्व- इस महीने सूर्योदय से पूर्व उठकर पवित्र नदी में स्नान करने का विधान है। अगर ऐसा संभव नहीं है तो पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान किया जा सकता है। इसे कार्तिक स्नान के नाम से भी जानते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। इस महीने दीपदान व तुलसी पूजन करना भी अत्यंत शुभ व लाभकारी माना गया है।
तुलसी पूजन विधि- कार्तिक में प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। तुलसी जी को जल चढ़ाएं। जल में संभव हो तो गाय का कच्चा दूध मिलाएं। तुलसी की जल अर्पित करते समय महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते मंत्र का जाप करना चाहिए। तुलसी के पेड़ में कार्तिक मास में सुबह-शाम दीपक जलाएं। मान्यता है कि तुलसी पूजन करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
तुलसी पूजन नियम- अगर कार्तिक मास में आप नियमित सुबह-शाम तुलसी पूजन करते हैं तो ध्यान रखें कि रविवार के दिन तुलसी के पौधे में जल न चढ़ाएं। कार्तिक मास के दौरान तुलसी जी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए। भोग लगाने के लिए तुलसी के पुराने या जमीन में गिरे हुए पत्तों का प्रयोग करना चाहिए।