सुबह व शाम को इन मुहूर्त में करें ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा, नोट करें पूजन-विधि व चंद्रोदय समय
Jyeshtha Purnima Time : पंचांग के अनुसार, 10 जून को सुबह 11:35 बजे पूर्णिमा तिथि शुरू होगी। मान्यता है ज्येष्ठ पूर्णिमा पर पूरी श्रद्धा भाव के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है।

Jyeshtha Purnima Time: हर माह में एक बार ज्येष्ठ पूर्णिमा आती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, 10 जून को सुबह 11:35 बजे पूर्णिमा तिथि शुरू होगी, जिसका समापन 11 जून को दोपहर 1:13 बजे तक होगा। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर विष्णु भगवान, लक्ष्मी मां और चंद्र देव की पूजा करने का विधान है। मान्यता है ज्येष्ठ पूर्णिमा पर पूरी श्रद्धा भाव के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है। आइए जानते हैं ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा की विधि, चंद्र दर्शन टाइम व पूजन के शुभ मुहूर्त-
सुबह व शाम को इन मुहूर्त में करें ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा
- ब्रह्म मुहूर्त 04:02 से 04:42
- प्रातः सन्ध्या 04:22 से 05:23
- अभिजित मुहूर्त 11:53 से 12:49
- विजय मुहूर्त 14:40 से 15:36
- गोधूलि मुहूर्त 19:17 से 19:38
- सायाह्न सन्ध्या 19:19 से 20:19
- अमृत काल 06:32 से 08:18
- निशिता मुहूर्त 00:01, जून 11 से 00:41, जून 11
- रवि योग 05:23 से 18:02
चंद्रोदय समय: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर शाम के लगभग 06:45 मिनट पर चन्द्रोदय होगा। शहर अनुसार, समय में कुछ अंतर हो सकता है।
चौघड़िया मुहूर्त
- चर - सामान्य 08:52 से 10:36
- लाभ - उन्नति 10:36 से 12:21
- अमृत - सर्वोत्तम 12:21 से 14:05
- शुभ - उत्तम 15:50 से 17:34
- लाभ - उन्नति 20:34 से 21:50
- शुभ - उत्तम 23:05 से 00:21, जून 11
- अमृत - सर्वोत्तम 00:21 से 01:36, जून 11
- चर - सामान्य 01:36 से 02:52, जून 11
उपाय: माता लक्ष्मी को खुश करने के लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। वैवाहिक दिक्कतें दूर करने के लिए लक्ष्मी नारायण की जोड़े में पूजा करें और माता को शृंगार का समान भी चढ़ाएं।
ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा-विधि: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पूरे विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण की साथ में पूजा करें। इस दिन विष्णु भगवान को पीले रंग के फल, फूल और वस्त्र चढ़ाने चाहिए। लक्ष्मी माता को गुलाबी या लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान चढ़ाएं। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा पढ़ना पुण्यदायक माना जाता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में नदी में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। वहीं, अगर आप नदी में स्नान नहीं कर सकते तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर घर में ही स्नान करें। ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत रखने और इस दिन लक्ष्मी नारायण की विधिवत पूजा करने से घर में सुख-संपत्ति और खुशहाली बनी रहती है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।