क्या 25 जून को रखा जाएगा आषाढ़ अमावस्या व्रत? जानें स्नान-दान व पूजा के मुहूर्त
Ashadh Amavasya 2025 Time: आषाढ़ अमावस्या पर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण तथा स्नान-दान किया जाता है। आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 24 जून को शाम 06:59 पी एम से प्रारंभ हो जाएगी।

Ashadh Amavasya 2025, क्या 25 जून को रखा जाएगा आषाढ़ अमावस्या व्रत: जून के महीने में आषाढ़ अमावस्या का व्रत रखाजाएगा।धार्मिक मान्यताओं में आषाढ़ अमावस्या का काफी महत्व माना जाता है। आषाढ़ अमावस्या पर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण तथा स्नान-दान किया जाता है। इस साल ये अमावस्या 25 जून के दिन मनायी जाएगी। आइए जानते हैं आषाढ़ अमावस्या पूजा के मुहूर्त, पूजा-विधि व उपाय-
आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 24 जून को शाम 06:59 पी एम से प्रारंभ होगी, जिसका समापन 25 जून को शाम 4 बजे तक होगा। उदया तिथि के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या व्रत 25 जून को रखा जाएगा।
जानें स्नान-दान व पूजा के मुहूर्त: हिन्दू पंचांग के अनुसार, 25 जून को ब्रह्म मुहूर्त 04:05 ए एम से 04:45 ए एम, सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05:25 से 10:40 ए एम तक रहेगा। ये दोनों ही मुहूर्त स्नान-दान व पूजन के लिए बेहद फलदायक रहेगा।
पूजा-विधि
1- स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें
2- सभी देवी-देवताओं का जलाभिषेक करें
3- शिव जी और भगवान विष्णु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
4- अब प्रभु को चंदन और पुष्प अर्पित करें
5- मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
6- शिव व विष्णु चालीसा का पाठ करें
7- पूरी श्रद्धा के साथ आरती करें
8- भोग लगाएं
9- अंत में क्षमा प्रार्थना करें
आषाढ़ अमावस्या महत्व: आषाढ़ अमावस्या के दिन दान और स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। जून की अमावस्या पर दान करने से पितृ दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। इसके अलावा आषाढ़ अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान जरूर करना चाहिए। वहीं, इस दिन गाय, कौवे और कुत्ते को भोजन कराने से जीवन के कष्ट दूर हो सकते हैं।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।